गरम रोटी – ठण्डी रोटी ! hindi prerak kahani

Written by vedictale

September 8, 2021

गरम रोटी - ठण्डी रोटी hindi prernadayi kahani

एक आलसी लडका था । उसके माता-पिता ने उसका विवाह तो कर दिया परंतु वह कुछ कमाता नहीं था । माँ जब भी अपने बेटे को रोटी परोसती, तब वह कहती बेटा ठण्डी रोटी खा ले ! लडके को ये समझ नहीं आता माँ ऐसा क्यों बोलती है । पर फिर भी वह चुप रहता था ।

एक दिन माँ को किसी काम से बाहर जाना पडा तो माँ ने बहु को बुलाकर कहा की मैं आज बाहर जा रही हूँ । मेरे बेटे को रोटी आज तुम परोस देना । जब उस लडके की पत्नी ने अपने पति को रोटी परोसी, तो उसने भी वही कहा जो उसकी माँ कहती थी । ऐजी सुनते हो ठण्डी रोटी खा लो । अपनी पत्नी की ये बात सुनकर लडका चिढ गया और बोला – कि माँ तो रोज यही कहती है औऱ अब इसने भी यही कहना सीख लिया । वह अपनी पत्नी से बोला कि बता, रोटी ठण्डी कैसे हुई ? हाथ लगाकर देख रोटी भी गरम है, औऱ सब्जी भी गरम है, फिर तू इसे ठण्डी रोटी कैसे कहती है ?

पत्नी बोली – आपकी माँ ने मुझे ऐसे ही कहकर रोटी देने को कहा था, इसलिए मैंने ऐसा किया ?

अब तो लडका और चिढ गया । उसने सोचा आज तो माँ से पूछकर ही रहूँगा । कि इस बात में क्या रहस्य है क्यों माँ मुझे रोज ठण्डी रोटी ठण्डी रोटी कहकर चिढाती है ।

जब माँ घर पर आयी तो उसने बहु से पुछा कि क्या मेरे बेटे ने खाना खा लिया ? बहु बोली कि नहीं उन्होंने आज भोजन नहीं किया है । उल्टा वो ठण्डी रोटी बोलने के कारण मुझसे नाराज हो गये औऱ खाना भी नहीं खाया ।

माँ ने बेटे से पूछा – बेटा आज खाना क्यों नहीं खाया ?

लडका झल्लाते हुए बोला – माँ तू रोजाना कहती है ठण्डी रोटी खाले ! और मैं सह लेता हूँ, पर अब तो हद ही हो गयी, आपने मेरी पत्नी को भी यही कहना सिखा दिया है । रोटी तो हमेशा गरम होती है, सब्जी भी गरम होती है तो फिर माँ तुम ही बताओ रोटी ठण्डी कैसे हुई ।

तब जो माँ ने बोला वो आज के सभी युवओं के लिए बहुत बडी सीख है । माँ बोली बेटा अगर रोटी सुबह बनी हो और शाम को खाया जाये तो वो ठण्डी रोटी ही कहलाती है । ऐसे ही कल की बनी रोटी अगर आज खायी जाये तो वो भी ठण्डी ही कहलाती है । बासी रोटी ठण्डी और ताजी रोटी गरम होती है ।

माँ ने कहा – बेटा अब तू ही विचार करके देख ! तेरे पिताजी की जो कमाई है वो ठण्डी बासी रोटी है, गरम ताजी तो तब हो जब तू खूद कमाकर लाये ! तेरे पिताजी कि कितनी उम्र हो गयी है, वो बूढे हो चुके हैं और तू जवान है जवान होकर भी अगर तू अपने बुढे पिताजी का कमाया खाता है तो वो ठण्डी रोटी ही तो हुई ना । माँ की बातें सुनकर लडके की आँखों में आँसू आ गये, लडका बोला माँ ! आज से मैं हमेशा गरम रोटी ही खाऊँगा ।

प्रेरणा – इस कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने कर्तव्यों से कभी मुँह नहीं मोडना चाहिए । अपने माता पिता का सदैव आदर करना चाहिए वे न जाने किन किन कठिनाइयों को सहकर वे हमें बडा करते हैं । हमें भी बुढापे में उनका सहारा बनना चाहिए ।


Share to the World!

Subscribe Here

vedictale.com की हर नई कथाओं की notification पाने के लिए नीचे अपना नाम और इमेल डालकर सबस्क्राईब करें।

New Stories

Related Stories

छिपा हुआ खजाना

छिपा हुआ खजाना

छिपा हुआ खजाना एक बार एक बूढ़ा व्यक्ति मृत्यु के कगार पर था। उनके पुत्र बहुत आलसी व्यक्ति थे। बूढ़े...

read more
error: Content is protected !! Please read here.