हम जानेंगे वसंत ऋतु में होनेवाली बीमारियाँ एवं उनसे सुरक्षा के उपायों के बारे में । वसंत ऋतू में ज्यादातर सर्दी – खांसी, बुखार, गले में खराश, टॉन्सिल्स का बढना, कफजन्य सिरदर्द (Sinusitis), दाद – खाज – खुजली एवं चर्म रोग आदि बिमारियाँ होती हैं ।
यदि वसंतऋतू में उचित आहार – विहार एवं सावधानी रखेंगे तो, उपरोक्त बीमारियाँ होगी ही नहीं । (इसके बारे में हम वसंतऋतु के पिछले एपीसोड में बता चुके हैं ।) फिर भी किसी कारणवश यदि बिमारियाएँ होती हैं तो उसके लिए अंग्रेजी दवाइयाँ लेने की कोई आवश्यकता नहीं है । इन दवाइयों के जहरीले रसायन कफ को सुखा देते हैं और सुखा हुआ कफ भविष्य में गंभीर बिमारियों को जन्म देता है । यदि आपको वसंतऋतु में किसी बिमारी का सामना करना पड रहा है तो पहले तो आप हो सके तो 1 – 2 दिन तक यथाशक्ति उपवास करें । अत्यधिक भूख लगने पर गर्म मुँग का पानी या गर्म पतली मुँग की दाल ले सकते हैं ।
आईये जानते हैं कैसे करें उपवास :-
उपवास का अर्थ भूखामरी करना भी नहीं है आपको कैसे और कितनी मात्रा में कब और क्या खाना है । इसकी सही जानकारी रखना अति आवश्यक है ।
उपवास के पहले दिन सिर्फ 2 चुटकी सोंठ डालकर उबाला हुआ गुनगुना पानी पीयें ।
उपवास के दुसरे दिन अदरक, सैंधा नमक, धनिया और जीरा डालकर बनाया हुआ मुंग की दाल का पानी ले ।
उपवास के तीसरे दिन मुंग की पतली दाल का सेवन करें ।
उपवास के चौथे दिन से रोटी, सब्जी, दाल का सेवन धीरे-धीरे प्रारम्भ करें । साथ में आगे कुछ घरेलू उपायों का भी लाभ ले सकते हैं ।
उपवास के समय में थोडा सिरदर्द या खिंचाव महसूस हो तो डरें नहीं इससे अनावश्यक कफ जो हमारे शरीर में हानिकारक बिमारियों को पैदा कर सकता था वो खिंचकर जठरा में आता है और नष्ट हो जाता है ।
साथ में ले सकते हैं कुछ लाभप्रद घरेलू उपायों का लाभ –
यदि सर्दी – जुकाम, खाँसी, बुखार हो तो…
– इसमें तूलसी रस / तुलसी अर्क, अदरक रस एवं शहद तीनो के समभाग मिश्रण को २ – २ चमच दिन में दो बार ले सकते हैं ।
– दूसरा प्रयोग – प्राणदा टेबलेट १ से २ गोली दिन में दो बार शहद / गुनगुने पानी से ले सकते हैं ।
– तीसरा प्रयोग संशमनी वटी – २ – २ गोली दिन में दो बार गुनगुने पानी से लेने से लाभ होता है ।
यदि कफ के कारण शिर के भारीपन और शिरदर्द हो तो क्या करें –
पहला प्रयोग – प्राणदा टेबलेट 1 से 2 गोली दिन में दो बार शहद / गुनगुने पानी से ले सकते हैं ।
दूसरा प्रयोग – योगी आयु तेल को हल्का गुनगुना करके 2 – 2 बूंद नाक में दिन में दो बपार डाल सकते हैं ।
तीसरा प्रयोग 3 से 5 बूंद अमृत द्रव 1 कप गुनगुने पानी में डालकर पियें और स्टीम लेने से लाभ होता है ।
चौथा प्रयोग ज्यादा दर्द होने पर सोंठ एवं हल्दी पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर घोल बना लें इसका घंटे लेप करके 1 – 2 घंटे तक रहने दें इससे लाभ मिलेगा ।
अगर टॉन्सिल्स बढ गये हैं तो क्या करें –
पहला प्रयोग – 2 – 2 चुटकी हल्दी, सोंठ और काली मिर्च के चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से लाभ होता है ।
दूसरा प्रयोग – हल्दी एवं नमक मिले हुए गुनगुने पानी के गरारे करने से लाभ होता है ।
तीसरा प्रयोग – संशमनी वटी १ से २ गोली गर्म पानी के साथ लेने से टॉन्सिल्स में लाभ होता है ।
यदि दाद-खाज-खुजली हुई हो तो क्या करें ।
पहला उपाय – 3 से 4 चम्मच नीम के पत्तों का रस अथवा नीम अर्क १ कप गुनगुने पानी के साथ पीने से लाभ होता है ।
दूसरा उपाय – 1/4 चम्मच हल्दी शहद मिलाकर दिन में दो बार लेने से लाभ होता है ।
तीसरा उपाय – 2 – 2 गोली लीवर टोनिक टेबलेट भोजन के बाद गुनगुने पानी से ले सकते हैं ।
चौथा उपाय – 1 – 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को सोते समय गर्म पानी से ले सकते हैं ।
पाँचवा उपाय – दाद वाले स्थान पर नारियल तेल में निम्बू का रस मिलाकर लगाने से लाभ मिलता है ।